guys its for those who feels its difficult to describe OT amongst Indian Population in Hindi ऑक्यूपेशनल थेरपी अथवा व्यवसायिक चिकित्सा एक ऐसा व्यवसाय है जो किसी भी व्यक्ति के जीवन में आई मानसिक, शारीरिक, व्यवसायिक एवम सामाजिक समस्यायों के कारण उत्पन्न हुई रुकावटों को दूर करके एक स्वतन्त्र जीवन व्यतीत करने में सहायता करता है|
ऑक्यूपेशनल थेरपिस्ट तीन प्रकार से इन रुकावटों का समाधान करता है: पेहेला ऑक्यूपेशनल थेरपिस्ट जड़ समस्या को दूर करने मई सहायता करता है अर्थात वह शरीर में उत्पन्न इन समस्याओं को अपने उपचार की विधियों द्वारा सुधरने का प्रयास करता है, दूसरा ऑक्यूपेशनल थेरपिस्ट मूल्यांकन करके देखता है की यदि समस्या का समाधान संभव नहीं है अथवा उपचार में बहुत समये लगेगा तो वह व्यक्ति को इस प्रकार के उपकरण एवम विधियाँ सिखाता है जिनसे वह स्वतन्त्र जीवन का निर्वाह कर सके, तीसरा यदि व्यक्ति को वह उपकरण देना एवम वह विधियाँ सिखाना संभव नहीं है तब ऑक्यूपेशनल थेरपिस्ट उस व्यक्ति के वातावरण में इस प्रकार के परिवर्तन केर देता है जिसे अपनी समस्याओं के बावजूत व्यक्ति स्वतंत्रता से जीवन निर्वाह केर सके|
ऑक्यूपेशनल थेरपिस्ट अक्षमता में क्षमता को देखते है| उनके अनुसार विकलांगता व्यक्ति में नहीं वातावरण एवम समाज में है क्योंकि वह उस व्यक्ति को ऐसा वातावरण प्रदान नहीं कर पा रहे जिसमे वह अपने व्यक्तित्व का विकास कर सके|
ऑक्यूपेशनल थेरपिस्ट बहुत सारी समस्याओं में अपनी सुविधाएँ प्रदान करते है जिनमे से कुछ समस्याए है:
१: बच्चों का विकास न होना (developmental disorder)
२: जन्म से उपस्थित कमजोरी एवम विकलांगता( congenital Deformity )
३: सेरेब्रल पाल्सी
४: लकवा( Paralysis )
५: शारीरिक कमजोरी
६: रीढ़ की हड्डी की चोट
७: हड्डियों का टूटना
८: लिखावट में समस्या
९: पढाई में समस्या
१०: जोड़ों का दर्द
११: मानसिक कमजोरी
१२: गठिया
१३: मांस पेशियों से सम्बंधित समस्याएं
१४: व्यवसाय का चुनना( समस्याओं के बाद एवम साथ)
१५: सर्जरी एवम ऑपरेशन के बाद
और भी बहुत कुछ....यदि सूचि बनाई जाये तो लगभग सभी समस्याओं में ऑक्यूपेशनल थेरपिस्ट प्रत्यक्ष एवम अप्रत्यक्ष रूप से सहायता करता है|
आशा करता हूँ की हिंदी भाषा में ऑक्यूपेशनल थेरपी की यह परिभाषा आपको एक आम आदमी को इसके स्वरूप एवम विस्तार को समझाने में मदद करेगी|
अमित कोचर
ऑक्यूपेशनल थेरपी विद्यार्थी